वरुण चक्रवर्ती: आर्किटेक्ट से मिस्ट्री स्पिनर बनने तक का दिलचस्प सफर

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क्रिकेट की दुनिया में जब ‘मिस्ट्री स्पिनर’ की बात होती है, तो वरुण चक्रवर्ती का नाम खुद-ब-खुद जहन में आ जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि यह खिलाड़ी महज़ एक स्पिनर नहीं, बल्कि आर्किटेक्ट भी रह चुका है और फिल्मों में भी काम कर चुका है?

वरुण का क्रिकेटिंग सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। जब उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया, तब विकेटकीपर-बल्लेबाज बनना चाहते थे, और जूनियर टीम में इसी भूमिका में खेले भी। लेकिन फिर पढ़ाई के चलते क्रिकेट छोड़ना पड़ा। आर्किटेक्चर में डिग्री ली, नौकरी भी की, मगर वो 9-5 की जिंदगी उन्हें रास नहीं आई। क्रिकेट का जुनून एक बार फिर हावी हुआ और उन्होंने वापसी की, इस बार तेज गेंदबाजी करते हुए।

लेकिन किस्मत ने फिर करवट ली। चोट ने उन्हें 6 महीने तक मैदान से दूर कर दिया। लेकिन यहां से असली कहानी शुरू हुई। जब लौटे तो वो तेज गेंदबाज नहीं, बल्कि एक ‘मिस्ट्री स्पिनर’ बन चुके थे। उनकी गेंदों में सामान्य स्पिनर्स से ज्यादा रफ्तार थी, और उन्होंने उसमें रहस्य का तड़का लगा दिया। पहले आईपीएल में धमाका किया और फिर टीम इंडिया में जगह बना ली।

इतना ही नहीं, क्रिकेट के साथ-साथ वे बड़े पर्दे पर भी नजर आए। तमिल फिल्म ‘जीवा’ में उन्होंने कैमियो किया, जिसमें वो फिल्म के हीरो के साथ क्रिकेट खेलते नजर आए।

2015 में दोबारा शुरू किया क्रिकेट

आर्किटेक्ट के रूप में करियर शुरू करने के बावजूद, क्रिकेट के प्रति वरुण का जुनून कभी खत्म नहीं हुआ। 2015 में क्रॉम्बेस्ट क्रिकेट क्लब से उन्होंने मीडियम पेसर के रूप में अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की, लेकिन घुटने की चोट के चलते खेल से दूर होना पड़ा। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी स्पिन गेंदबाजी को निखारना शुरू किया। 2018 की तमिलनाडु प्रीमियर लीग में मदुरै पैंथर्स के लिए खेलते हुए उन्होंने अपनी मिस्ट्री स्पिन से सबको प्रभावित किया। फिर 2018-19 विजय हजारे ट्रॉफी में तमिलनाडु के लिए लिस्ट ए क्रिकेट में डेब्यू किया और 9 मैचों में 22 विकेट लेकर टूर्नामेंट के सबसे सफल गेंदबाज बने।

2019 में आईपीएल में एंट्री

वरुण की मेहनत रंग लाई और 2019 में किंग्स इलेवन पंजाब ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया। हालांकि शुरुआती मैचों में वे ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़ सके, लेकिन 2020 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन पर भरोसा जताया। इस बार उन्होंने 17 विकेट लेकर अपनी मिस्ट्री स्पिन का जादू बिखेरा और भारतीय टीम में जगह बना ली।


उनके क्रिकेट करियर का एक और बड़ा लम्हा तब आया जब उन्होंने 2 मार्च को वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया और 5 विकेट झटक लिए। दिलचस्प बात यह थी कि वे फारूक इंजीनियर के बाद सबसे ज्यादा उम्र में डेब्यू करने वाले भारतीय खिलाड़ी बने थे। साथ ही, चैंपियंस ट्रॉफी के डेब्यू मैच में 5 विकेट लेने वाले चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हो गए।

वरुण चक्रवर्ती का सफर साबित करता है कि अगर जुनून सच्चा हो, तो जिंदगी आपको मौके जरूर देती है—बस उसे पकड़ने की देरी होती है!

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