इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स के हेडिंग्ले ग्राउंड पर खेले गए पहले टेस्ट में भारतीय टीम को 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। यह हार इसलिए और भी चुभने वाली है क्योंकि भारत के बल्लेबाजों ने इस मैच में कुल 5 शतक जड़े, फिर भी टीम जीत के करीब नहीं पहुंच सकी। आइए जानते हैं इस हार की पांच प्रमुख वजहें:
1. खराब फील्डिंग: 8 ड्रॉप कैच और इंग्लैंड को मिला 'जीवनदान'
भारतीय टीम की फील्डिंग इस मुकाबले में बेहद लचर रही। पूरी टेस्ट सीरीज़ में शायद ही कभी इतनी बड़ी संख्या में कैच छूटे हों।
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पहली पारी में 6 और दूसरी पारी में 2 कैच भारत ने टपकाए।
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यशस्वी जायसवाल अकेले 4 कैच छोड़ बैठे।
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बेन डकेट को पहली पारी में दो बार जीवनदान मिला, उन्होंने 62 रन बनाए। दूसरी पारी में भी उनका कैच छूटा और उन्होंने 149 रन ठोके।
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ओली पोप को भी एक जीवनदान मिला और उन्होंने 160 रन ठोक दिए।
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फील्डिंग की इन चूकों ने इंग्लैंड की पारी को बार-बार संजीवनी दी।
2. निचले क्रम का फ्लॉप शो: टॉप ऑर्डर चमका, पर बाकी रहे फीके
हालांकि भारत के शीर्ष बल्लेबाजों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया:
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यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, केएल राहुल और ऋषभ पंत ने मिलाकर 5 शतक जड़े।
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टीम ने कुल 786 रन बनाए, जिसमें से 691 रन इन्हीं चारों के बल्ले से निकले।
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लेकिन शेष 7 बल्लेबाज मिलकर सिर्फ 105 रन ही जोड़ सके।
पहली पारी में आखिरी 7 विकेट सिर्फ 41 रन पर गिरे और दूसरी पारी में 31 रन पर 6 विकेट गिर गए। निचले क्रम की यह नाकामी टीम की बड़ी कमजोरी बन गई।
3. टीम चयन में चूक: स्पिन विकल्प की कमी भारी पड़ी
भारतीय टीम ने इस टेस्ट में चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने का फैसला किया, लेकिन यह दांव उल्टा पड़ गया।
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कुलदीप यादव को मौका न देना एक बड़ी गलती साबित हुई। उनकी गेंदबाजी इंग्लैंड की पिच पर भी प्रभावी साबित हो सकती थी।
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रवींद्र जडेजा को भी एक अच्छे स्पिन साथी की कमी महसूस हुई।
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इसके अलावा, तेज गेंदबाजी में नयापन लाने के लिए अर्शदीप सिंह को मौका दिया जा सकता था।
4. कप्तानी में अनुभव की कमी: शुभमन गिल की रणनीति पर उठे सवाल
शुभमन गिल के लिए यह बतौर कप्तान पहला टेस्ट था, और उनकी रणनीतियां कई बार सवालों के घेरे में रहीं।
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गेंदबाजों का सही रोटेशन नहीं हुआ।
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शार्दुल ठाकुर जैसे ऑलराउंडर को बहुत कम गेंदबाजी दी गई – पहली पारी में केवल 6 ओवर।
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दूसरी पारी में जब इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज सेट हो चुके थे, तब भी फील्ड सेटिंग बेहद डिफेंसिव रखी गई।
यह साफ दिखा कि कप्तानी में गिल अभी सीखने की प्रक्रिया में हैं।
5. जसप्रीत बुमराह पर अत्यधिक निर्भरता: बाकी गेंदबाज नाकाम
जसप्रीत बुमराह ने एक बार फिर अपनी क्लास दिखाई – पहली पारी में 5 विकेट चटकाए और दूसरी में भी कसी हुई गेंदबाजी की। लेकिन उनके अलावा कोई भी गेंदबाज प्रभाव नहीं छोड़ सका:
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प्रसिद्ध कृष्णा ने दोनों पारियों में 6+ की इकोनॉमी रेट से रन लुटाए।
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मोहम्मद सिराज और रवींद्र जडेजा भी धारहीन नजर आए।
जब पूरी गेंदबाजी इकाई सिर्फ एक गेंदबाज के भरोसे हो, तो विपक्षी टीम को काबू में रखना मुश्किल हो जाता है।
लीड्स टेस्ट में हार सिर्फ एक खराब दिन का नतीजा नहीं थी, बल्कि ये कई रणनीतिक और तकनीकी कमजोरियों का परिणाम थी। खराब फील्डिंग, निचले क्रम की असफलता, टीम चयन की चूक और कप्तानी में अनुभव की कमी — सभी मिलकर टीम इंडिया के लिए एक सबक बन गए हैं।
आगामी मैचों में इन पहलुओं पर काम करना बेहद जरूरी होगा, वरना सीरीज़ भारत के हाथ से फिसल सकती है।