टेस्ट क्रिकेट को क्रिकेट का सबसे कठिन फॉर्मेट माना जाता है। इसमें खिलाड़ी की तकनीक, धैर्य और मानसिक मजबूती की असली परीक्षा होती है। ऐसे में किसी एक बल्लेबाज़ का एक ही टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक लगाना एक बड़ी उपलब्धि होती है। अब तक कुछ ही भारतीय बल्लेबाज़ों ने यह कारनामा किया है। आइए जानते हैं ऐसे सात भारतीय बल्लेबाज़ों के बारे में जिन्होंने टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाया।
1. विजय हजारे – पहले भारतीय
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कब: 1948
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किसके खिलाफ: ऑस्ट्रेलिया
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कहाँ: एडिलेड
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स्कोर: 116 और 145 रन
विजय हजारे यह कारनामा करने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज़ थे। उन्होंने 1948 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में दोनों पारियों में शतक लगाया।
2. सुनील गावस्कर – सबसे ज़्यादा बार
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कितनी बार: 3 बार
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किसके खिलाफ: दो बार वेस्टइंडीज, एक बार पाकिस्तान
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विशेष: डेब्यू सीरीज में भी किया था
सुनील गावस्कर ने यह उपलब्धि तीन बार हासिल की, जो अब तक किसी भी भारतीय द्वारा सबसे ज़्यादा है। उन्होंने अपने डेब्यू सीरीज में भी दोनों पारियों में शतक जड़ा था।
3. राहुल द्रविड़ – दो बार
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पहली बार: 1999, न्यूजीलैंड के खिलाफ (190 और 103 रन)
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दूसरी बार: 2005, पाकिस्तान के खिलाफ
राहुल द्रविड़ ने दो बार टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाकर दिखाया कि वह क्यों "द वॉल" कहलाते हैं।
4. विराट कोहली – कप्तान बनते ही धमाल
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कब: 2014
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किसके खिलाफ: ऑस्ट्रेलिया
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कहाँ: एडिलेड
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स्कोर: 115 और 141 रन
विराट कोहली ने अपने कप्तानी डेब्यू टेस्ट में ही दोनों पारियों में शतक लगाया। यह उनके आत्मविश्वास और लीडरशिप का सबूत था।
5. अजिंक्य रहाणे – घरेलू मैदान पर उपलब्धि
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कब: 2015
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किसके खिलाफ: दक्षिण अफ्रीका
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कहाँ: दिल्ली
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स्कोर: 127 और 100 रन
अजिंक्य रहाणे ने भारत में खेलते हुए यह कारनामा किया, जब उन्होंने दिल्ली में साउथ अफ्रीका के खिलाफ दोनों पारियों में शतक लगाया।
6. रोहित शर्मा – ओपनिंग में कमाल
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कब: 2019
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किसके खिलाफ: दक्षिण अफ्रीका
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स्कोर: 176 और 127 रन
रोहित शर्मा ने जब पहली बार टेस्ट में ओपनिंग की, उसी मैच में दोनों पारियों में शतक लगाकर शानदार शुरुआत की।
7. ऋषभ पंत – खास उपलब्धि वाले विकेटकीपर
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कब: हाल ही में
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स्कोर: 134 और 118 रन
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विशेष: भारत के पहले और दुनिया के दूसरे विकेटकीपर जिनके नाम यह रिकॉर्ड है
ऋषभ पंत ने भी दोनों पारियों में शतक लगाया और इसके साथ ही वह यह कारनामा करने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बने।
ये सातों बल्लेबाज़ भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में खास जगह रखते हैं। विजय हजारे ने इसकी शुरुआत की, सुनील गावस्कर ने इसे नई ऊँचाई दी, और ऋषभ पंत जैसे युवा खिलाड़ी इसे आगे बढ़ा रहे हैं। इनका प्रदर्शन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है कि मेहनत, संयम और आत्मविश्वास से किसी भी स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया जा सकता है।